आज के वचन पर आत्मचिंतन...
तो अक्सर हम देखते हैं और समय हमेंसे पर कर चुका है।जिन चीजों से हमने वादा किया था हम उसे पूरा करेंगे और जिन कर्मों को हमने दूसरों को बताया था वे हमें छोड़ दिया जाना चाहिए।इससे पहले कि हम यह जानते हैं, दिन सप्ताह और सप्ताह महीने और महीनों के वर्षों हो गए हैं।हम अपने आप को ऐसा करने में असमर्थ होते की जो हमने एक बार सोचा था की हम कर पाएंगे.हमें परमेश्वर की आत्मा से पूछना चाहिए कि हमें हमारे रास्ते में यहोवा के अवसरों को देखने और जब्त करने में सहायता करें।
Thoughts on Today's Verse...
So often we look up and time has passed us by. The things we promised ourselves we'd accomplish and the deeds we told others we'd do get left undone. Before we know it, days have become weeks, and weeks months, and months years. We find ourselves unable to do what we once assumed we could do any time we want. We must ask the Spirit of God to help us see and seize the opportunities the Lord places in our path.
मेरी प्रार्थना...
पिता,मैं कबूल करता हूँ कि, अक्सर मुझे जो करना चाहिए था उसे मै नहीं करता हूँ। कृपया मेरे प्रत्येक दिन में आपकी योजनाओं को देखने में मेरी सहायता करें और ऐसे तरीके से जीते हैं जो न केवल आपको सम्मान देता है, बल्कि उन लोगों को भी आशीष देता है जिन्हें आप चाहते हैं कि मैं वहां पहुंच सकूं। यीशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ. अमिन.
My Prayer...
Father, I confess that so often I leave undone what needs to be done. Please help me see your plans in each of my days and live in a way which not only honors you, but also blesses those you want me to reach. In Jesus' name I pray. Amen.