आज के वचन पर आत्मचिंतन...

जब एक जवान प्रेमियो का जोड़ा एक दूसरे से अलग हो जाते है, तो वे एक दूसरे से दुबारा मिलने के लिए तड़पते है, जब कोई माता-पिता अपने किसी बच्चे से बिछड़ जाते है तो वे अपने बच्चे को बड़े ही गंभीरता से याद करते है। जब कोई पति या पत्नी अपने किसी लंबे समय से विवहित जोड़ीदार के साथ किसी ही बीमारी , मृत्य या तलाक के वजह से दूर हो जाते है, तो उस व्यक्ति का प्राण अपने उस प्रिय या प्रियतम से फिरसे मिलने के लिए तड़पता है। क्या आप अपनी आत्मा को परमेश्वर के साथ होने के लिए तड़पते हुए पहचान परे हो? क्या आप अपने हर दिन का अंत और हर दिन की सुरवात परमेश्वर की उपस्तिथि की लालसा मे बिताते हो? आईये हम अपनी परमेश्वरीय भूख को जाने और केवल उसकी उपस्तिथि मे ही समय बिता कर संतुष्ट ना हो वरन, हम अपनी इच्छाओ को,भावनाओ को,और अपने जीवन मे अपने स्वर्गीय पिता की उपस्तिथि की आवश्कता उसतक पहुचाये।

Thoughts on Today's Verse...

When a young couple in love is apart, they long to be with each other again. When a parent is separated from his or her child, the parent misses the child intensely. When a spouse can no longer be with a long time marriage partner because of disease, death, or divorce, that person's soul can ache to be reunited to the one they have loved. Do you recognize your spirit aching to be with God? Do you end each day and begin the next longing to be in the presence of God? Let's recognize our God-hunger and not only satisfy it by spending time in his presence, but let's also communicate our desire, affection, and need for the presence of our heavenly Father in our lives.

मेरी प्रार्थना...

पवित्र और धर्मी पिता, हाँ मैं आपकी उपस्तिथि मे होने के लिए तड़पता हूँ। मैं जनता हूँ की मेरे प्राण का एक हिस्सा जो मैं सोचता हूँ कभी-कभी खो जाता है वो केवल आपही मे पासकता हूँ। कृपया मेरे प्रिय पिताजी आज मेरे जीवन मे मेरे लिए एकदम असल और उपस्तिथ रहिये। प्रार्थना यीशु के नाम से मांगता हूँ । अमिन।

My Prayer...

Holy and righteous Father, I do ache to be in your presence. I know the piece of my soul that sometimes I feel is missing can only be found in you. Please, dear Father, be very real and present to me in my life today. In Jesus' name I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of यशाया २६ :९

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