आज के वचन पर आत्मचिंतन...

परमेश्वर ने हमे रचा, जब हम अपनी माँ के कोख में थे, उसने हमे जीवन में एक उद्धेश के साथ बड़े प्यारभरी देखभाल से रचा और एक वादे के साथ की वो रस्ते के हर कदम पर साथ होगा। परमेश्वर को हमारा ध्यान है, किसी उत्तम चरवाहे से भी अधिक जो अपने भेड़ का बड़े अच्छे से रखता है । तो आओ उनके जैसे जिये जो अपने अगुवों, शृष्टिकर्ता और राजा को जानते है! उसके चरित्र को दर्शाए, उसकी दया पहुचाये और माफ़ी दे। आओ दिखाए की हम उसके है।

मेरी प्रार्थना...

प्रिय प्रभु ,मैं सच में धन्यवादी हु , की परमेश्वर है। मेरे चरवाहे, मेरे पिता और मेरे नायक बनने के लिए धन्यवाद्। कृपया मेरी सहायता करे की मैं ईमानदारी से आपके चरित्र को दिखा सकू और जो मेरे आस पास है उनपर दया दिखा सकू। यीशु के नाम से। अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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