आज के वचन पर आत्मचिंतन...

यीशु हमारे पापों के लिए मरने से भी ज्यादा किया है;वह पुनर्जीवित प्रभु के रूप में जीता है.अगर परमेश्वर ने स्वर्ग से उनके पुत्र को भेजता है,उसको क्रूस पर मरने के लिए त्याग करता है,और हमें बचाने के लिए मृत्य से जीवित करता है,तो सोचिये क्या क्या परमेश्वर ने हमारे लिए रखा है.जब यीशु का उद्धार के शक्ती और परमेश्वर का अदभुत अनुग्रह के बारे में सोचते है, तो हमने अभी तक कुछ भी नहीं देखा है!

मेरी प्रार्थना...

पवित्र प्रभु,मै उस दिन के लिए अग्रिम हूँ जब मै आपको देख साखू और आपकी अनुग्रह को उसकी पूरी महिमा से अनुभव करूँ. मुझ में अज साहस प्रेरित कीजिये,ताकि मै विश्वास के साथ मेरे मार्गो में हर एक चुनौतियों को सामना कर सकू और ईमानदारी से दूसरों के सामने जी सकू.अमिन

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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