आज के वचन पर आत्मचिंतन...

प्रसन्न होना!परमेश्वर की बातों में क्या आप प्रसन्न होते हो?स्वर्गीय पिता की कौनसी पवित्र विषयों आपके सोच में पुरे दिन रहता है? क्यों नहीं परमेश्वर की वचन को अधिक से अधिक आपके दीमक में याद करने के द्वारा और आपके ह्रदय में प्रार्थना पूर्वक बाइबल का अध्ययन के द्वारा आपके दिल में डालने के लिए कोशिश में मेरे साथ जुड़े?

मेरी प्रार्थना...

स्वर्गीय पिता,आपके सरे मार्गों में पवित्र और धर्मी, मैं मानता हूँ कि मैं हमेशा सोचने के लिए समय नहीं देता हूँ.मैं अक्सर अपने मन जो क्षेत्रों मैं नहीं जाना चाहिए वही जाता है.मैं कभी कभी अप्रासंगिक चीजों में ज्यादा ध्यान केंद्रित करता हूँ.मैं चाहता हूँ की मेरा मन और मेरा ह्रदय आप के साथ,आपके वचन के साथ,आपके मर्जी के साथ और आपके मार्गो के धुन में अधिक से अधिक रहै.अपकी आत्मा के द्वारा प्रबुद्ध हो कर,देखने के लिए,जानने के लिए, सोखने के लिए, और जो चीजे आपके दिल के करीब है उन्हें विचार करने के लिए मुझे सच्चा ज्ञान दीजिये.यीशु के नाम से मांगता हूँ.अमिन.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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