आज के वचन पर आत्मचिंतन...

एक पुराना गीत कहता है, “कहा है वो प्रेम कहा है?” प्रेम परमेश्वर के साथ है। प्रेम परमेश्वर से आता है। प्रेम परमेश्वर का मुख्य गुण है। प्रेम परमेश्वर की ओर से है। प्रेम परमेश्वर से है। क्या आप अधिक प्रेम करने वाले बनना चाहते हो? क्या आप आपके प्रेम में और अधिक गहन होना चाहते हो? क्या आप जानना चाहते हो की किस प्रकार उनसे प्रेम करे जिनसे प्रेम करना कठिन हो ? परमेश्वर की और देखो। लेकिन, हम परमेश्वर को ज्यादा स्पष्ट रूप से कहा देख पाते है? यीशु में! तो जिस रीती से परमेश्वर ने अपने प्रेम को यीशु द्वारा दर्शाया उसे देखे और आप भी वैसे ही करे!

Thoughts on Today's Verse...

The old song says, "Where oh where is love?" Love is with God. Love comes from God. Love is the key attribute of God. Love is from God. Love is of God. You want to be more loving? You want to find greater intensity in your love? You want to know how to love others who are hard to love? Look to God. But, where do we see God most clearly? Jesus! So look at how God has demonstrated his love through Jesus and do likewise!

मेरी प्रार्थना...

पवित्र परमेश्वर, दुसरों को और सिद्धता से प्यार करने के द्वारा मैं दिखाना चाहता हूँ की आप मेरे पिता हो। कृपया मुझे आशीष दे की मैं यीशु के उद्धरण वाले प्रेम से दुसरो के साथ व्यवहार कर उसका अनुसरन करू। प्रभु यीशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ। आमीन ।

My Prayer...

Holy God, I want to show that you are my Father by loving others more perfectly. Please bless me as I seek to follow Jesus' example in treating others with love. In the name of the Lord Jesus I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of १ यूहन्ना ४:७

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