आज के वचन पर आत्मचिंतन...
एक प्रेमरहित व्यक्ति परमेश्वर को नहीं जनता है। यह इतना सरल है। काफी कह दिया ।
मेरी प्रार्थना...
पिता, कृपया मुझे आशीषित कर एक प्रेमी हृदय से और एक जीवन शैली से जिसमे मैं दुसरो से उदारता के साथ आपके प्रेम को बाट सकू। यीशु के नामसे प्रार्थना माँगता हूँ। अमिन।