आज के वचन पर आत्मचिंतन...
प्रेम को दर्शाना किसी से जीवन को साझा करने के विषय में है। कोई भी इस सिद्धान्त को यीशु के समान संक्षेप नहीं कर सकता है। उनके बलिदान से, हलाकि, हम बचाए और इस मसीही जीवन में लाये गए है। अब परमेश्वर हमसे चाहता है की उनके प्रेम दुसरो को दिखाये, इस प्रकार से बाटे की वे लोग समझ सके और सराहा सके।
मेरी प्रार्थना...
पवित्र प्रभु,मेरे स्वर्गीय पिता,आज के दिन के लिए आपको धन्यवाद। मुझे सहायता करे की मेरे जीवन से आपके अनुग्रह का अनुभव बाट सकू जिसे इसकी जरुरत है। कृपया मेरी सहायता करे की मैं उनको देख सकू जो चोट खाये हुए है और मुझे बुद्धि दे की मैं उनको बेहतर रीती से वापस आपतक ला सकू। जीशु के नामसे प्रार्थना करता हूँ। अमिन।