आज के वचन पर आत्मचिंतन...
ब्रह्मांड के रचयिता हमसे व्यक्तिगत रूप से प्रेम करते हैं। वह हमें जानते हैं और उन्होंने हमें जानबूझकर बनाया है। हमारे स्वर्गीय पिता हमारी बहुत परवाह करते हैं। हालांकि परमेश्वर हमारी कमजोरियों और पापमयता के बारे में जानता था, फिर भी वह हमें छुड़ाने के लिए एक भयानक और बहुत बड़ी कीमत चुकाने को तैयार था। भले ही हम कभी-कभी कमजोर या विद्रोही होते हैं, फिर भी वह हमसे प्रेम करता है, हमें क्षमा करता है, और जब हम अपने पापों को स्वीकार करने, उनसे मुड़ने और उसके पास घर लौटने को तैयार होते हैं तो हमारा स्वागत करता है। तो अगर परमेश्वर ने लगातार, वफादारी से और अनुग्रहपूर्वक हमसे प्रेम किया है, तो हम उस प्रेम को एक दूसरे के साथ कैसे नहीं बाँट सकते?
मेरी प्रार्थना...
अब्बा पिता ,धन्यवाद आपका बहोत महान और दयालु प्रेम के लिए। कृपया आपकी पवित्र आत्मा के द्वारा उस प्यार को मेरे ह्रदय में उंडेलते रहिये। कृपया मेरी मदद्त कीजिये की मैं आपके बच्चो के प्रति अधिक क्षमा करने वाला, धीरज और बलिदान वाला प्यार कर सकू। यीशु के नाम से मांगता हूँ।अमिन।