आज के वचन पर आत्मचिंतन...
कुछ लोग आशीषित होते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता यदि हम उनसे फ़ोन पे बाते करे, या एक प्रोत्साहित ईमेल पये, या लिखीत चिट्ठी मिले, या उन्हें आमने सामने देखे. किसी भी समय हम उन्हें याद करते है,हम उनके लिए परमेश्वर को धन्यवाद करते है.इसलिए पौलुस का उदाहरण का अनुसरण करे और उनको जानने दो की वे हमें परमेश्वर को धन्यवाद पेशकश करने के लिए कारणे देते है.।
मेरी प्रार्थना...
प्रेमी प्रभु, धन्यवाद उनके लिए ...( कई लोगों के नाम यहाँ लिखे जो आपके जीवन को आशीष करता है). उन्होंने कई मायनों में मेरे जीवन को आशीष किया है, इसीलिए उनको आपका अनुग्रह, समर्थ और आत्मा से आशीष करने के लिए में अभी मांगता हूँ.प्रार्थना यीशु के नाम से में मांगता हूँ. अमिन.