आज के वचन पर आत्मचिंतन...

क्या हैं जिससे हमे डरना हैं जबकि परमेश्वर ने अपने बेटे को मरने के लिए भेजा की हमे छुड़ा सकें? क्या हैं जिससे हम डरे जब येशु मसीह में हमें परमेश्वर के प्रेम से कुछ भी अलग नहीं कर सकता हैं ? सिवाए खुदके क्या हैं जिससे हमे डरना हैं और परमेश्वर ने अपनी आत्मा हमारे हृदय में उंडेली हैं की हमे हमारी कमजोरियों में सुनिश्चित और बलवंत कर सकें! जब हम परमेश्वर और उसके बच्चों को प्रेम करते हैं, तो हमे उसका प्रेम स्मरन होता हैं जो दूसरों को किये हमारे तुच्छ प्रेम से काफी बेहतर हैं । बजाएं इसके की उससे डर के भागें, हम धन्यवाद् में उसके सामने दंडवत करतें हैं यह जानते हुए की जो हमारी प्रार्थना सुनता हैं वह हमसे प्रेम करता हैं और हमारे डर को शांत करने के लिए तड़पता हैं ।

मेरी प्रार्थना...

प्रेमी पिता, धन्यवाद की मैं आपका आदर कर सकता हूँ बिना आपके क्रोध की चिंता किये बगैर। धन्यवाद की मैं आपके वचन को आदर दे पाया और मेरी अयोग्यता के कारन दहल ना जाऊं ।।होने दे की आपका प्रेम मेरे भीतर आपकी पवित्रता, और धार्मिकता, न्याय, और दया को समानता के प्रति बजाये इससके की कानून धमकियां, न्यायाधिकार को जोड़कर । प्रार्थना करता हूँ येशु के सामर्थी नाम में, जिसने मेरे दाम को चुकाया और मेरे पापों से छुड़ाया और अपने प्रेमको मुझपर उंडेला । आमीन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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