आज के वचन पर आत्मचिंतन...
पहले वहाँ प्रतीति है: यहोवा अपने काम हम में खत्म करेंगे (फिलिप्पियो १:६)दूसरा, वहाँ घोषणा है: येहोवा का प्रेम सदा रहता है और विफल नहीं होता है(१ कोरिन्तियो१३:८)अंत में, वहाँ प्रार्थना है:ओ येहोवा, में जो आपका सृष्टी हूँ उसे नहीं भूलिए( भजन संहिता १३९:१३-१६).क्या सुंदर प्रभु के साथ हमारे चलने के लिए संतुलन।
मेरी प्रार्थना...
स्वर्गी पिता और सरे चीजो का प्रभु, मुझ में आत्माविश्वास है की आपकी इच्छा और उद्देश को मेरे जीवन में आप करेंगे.देखते हुए की आपने मुझसे कितना प्रेम किया और उन सरे लोगो के जीवन में आपने कम किया है, जो आपका धर्म शास्त्र में पते हूँ, मुझे पता है की आपका प्रेम बहुत समय थक रहेगा ,येह से मेरे जाने तक भी.प्रिय प्रभु, में कुछ कठिनायोंको और सम्सयोंको सामना करता हूँ इसलिए कृपया आपका अनुग्रह और समर्थ से मेरे जीवन में काम कर.यीशु के नाम से प्रार्थना मांगता हूँ.अमिन.