आज के वचन पर आत्मचिंतन...
"बोलना आसान है!" "आप मुझे आपकी शब्दों के साथ बता सकते हैं, लेकिन मैं इसे अपने जीवन के साथ दिखाऊंगा।" "आपके जीवन वहा रखो जहां आपका मुंह है।" हम ये नारे पता हैं; अब हम सच्चाई में प्यार करते हैं। ऐसी दुनिया में जहां वस्तु विनिमय ने बलि और दृढ़ प्रेम को बदल दिया है, चलो अनाज के खिलाफ जाते हैं और वास्तव में हमारे शब्दों और कार्यों से प्यार करते हैं।
Thoughts on Today's Verse...
"Talk is cheap!"
"You can tell me with your words, but I want to see it in your life."
"Put your life where your mouth is."
We know the slogans; now let's love in truth. In a world where barter has replaced sacrificial and steadfast love, let's go against the grain and truly love with our words and actions.
मेरी प्रार्थना...
बलिदेने वाले पिता, मैं आपसे कबूल करता हूं कि कभी-कभी मैं स्वार्थी हूँ.दूसरी समय मेरे इरादे अच्छे हैं, लेकिन मेरा पालन-पोषण और विश्वश्योग्यत की कमी है। आपकी आत्मा का सशक्त बनाने के लिए उपयोग करें और मुझे आपकी महिमा के लिए बनने की आशा करने के लिए सक्षम करें। आज की सच्ची चिंता के आपके कार्यों में आपका प्यार देखा जा सकता है। मैं यह यीशु के नाम में प्रार्थना करता हूँ.अमिन।
My Prayer...
Sacrificial Father, I confess to you that at times I am selfish. Other times my intentions are good but my follow through and faithfulness are lacking. Use your Spirit to empower and enable me to be what I hope to become to your glory. May your love be seen in my actions of genuine concern today. I pray this in Jesus name. Amen.