आज के वचन पर आत्मचिंतन...

क्या हैं जो हमें सच में संतुष्ट देगा और बना रखेगा? शायद उसका उत्तर देने का बेहतर तरीका यह हैं की दुसरा प्रशन पूछा जाएँ : क्या हैं जो हम अपने साथ रख सकते हैं जब हमारा शरीर चुप चाप कब्र में राखी जाएँगी ? केवल परमेशवर के साथ हमारे संबंध और लोगों के साथ हैं जो कब्र के उस पार हमारे साथ जायेगा। यदि वह ही हैं जो बना रहेगा, तो फिर हम कैसे उसे बदल सकते हैं उनसे जो नहीं बने रह सकते हैं ?

मेरी प्रार्थना...

सामर्थी यहोवा, इस्राएल के बल, वाचा पर बने रहनेवाले और हर भविष्यवाणी के पुरे कानेवाले, आप मेरी आशा हो, मेरा बल और मेरे भविष्य हो। मैं यह दिन इस बड़े खुले ताज्जुब के साथ जी राह हूँ की ब्रह्माण्ड को सँभालने वाला परमेश्वर मेरा नाम जनता हैं, मेरी आवाज़ सुनता हैं और मेरा ध्यान रखता हैं। महान " मैं हूँ " धन्यवाद् की आप मेरे भूत, मेरे वर्त्तमान और मेरे भविष्य बने रहें। मेरे उद्धाहरक के द्वारा प्रार्थना करता हूँ । आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

टिप्पणियाँ