आज के वचन पर आत्मचिंतन...

हताशा और ईर्ष्या ...हो, जो लोग बुराई कर रहे हैं और फिर भी ह्रुद्दी पते है उनके लिए हमारी प्रतिक्रिया करते है नहीं है क्या? हमे याद दिलाया जाता है की बुरे लोगों की स्पष्ट और अल्पकालिक सफलताओं हमारी आस्था के पटरी से उतरने या हमारी आत्माओं को कमजोर करने न देना.उनकी जीत, अस्थायी हैं,उनके धन एक फूल के तरह जो सुख जाते है, और उनके जीवन घास जो मुरझाए और जल्द ही सुख जाने की तरह होता है।

Thoughts on Today's Verse...

Frustration and envy... hmmm, isn't that our reaction to those who are evil and yet seem to prosper? We're reminded not to let the apparent and short-lived successes of evil people derail our faith or dampen our spirits. Their victories are temporary, their wealth is like a flower that will wilt, and their life is like the grass which withers and is soon gone.

मेरी प्रार्थना...

सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु, अपने पवित्र और अतुलनीय नाम की स्तुति हो।आपने मुझे बहुत आशीष दिया है।आप मुझे मेरे दुश्मनों का सामने से संरक्षित किया है।आप मुझे जीवन, और आशा, और भविष्य आप के साथ दिया है ।अब कृपया, प्रिय पिता, मेरी मदद करो दूसरों को क्या है के बारे में चिंता में अपना समय बर्बाद करने से बचने के लिए आप मुझे आशीश देने के लिए जो कुछ भी किया है ,उसके लिए एक धन्यवाद का दिल, और संठुस्ती दीजिए।यीशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ. अमिन.

My Prayer...

Lord God Almighty, praise your holy and matchless name. You have blessed me mightily. You have protected me in the face of my enemies. You have given me life, and hope, and future with you. Now please, dear Father, help me to avoid wasting my time worrying about what others have. Please give me a heart of thanksgiving for, and contentment with, all that you have done to bless me. In Jesus' name I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of भजन संहिता ३७:१-२

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