आज के वचन पर आत्मचिंतन...
जीवन की आनिश्चितओ के बीच में स्थायित्व की एक जगह होने और परमेश्वर के प्रावधान का आश्वासन होने के लिए दो स्पष्ट सिद्धांतों पर आधारित हैं:यहोवा पर भरोसा रखना और दूसरों के लिए अच्छा करना।जब हम उन दो प्रतिबद्धताओं द्वारा रहते हैं, हमें नये ताज़गी तरीको से,आशा,और नए खुशी लाने के लिए परमेश्वर पर निर्भर रहेना सीख जाते है।
मेरी प्रार्थना...
प्रिय परमेश्वर,मेरा अब्बा पिता,मैं अपने जीवन में आपके ऊपर भरोसा करता हु।आपको गौरव और सम्मान लाने के लिए मेरे जीवन को एक जीवित बलिदान के रूप में पेशकश करना चाहता हूँ.मैं इसे करते हुए,प्रिय पिता, आपके प्यारे अनुग्रह और प्रेम जिसकी तुलना नहीं होती है उस प्रेम से मुझे मिलने के लिए आप दौड़ आते हो.उसके लिए धन्यवाद!यीशु के नाम से में स्तुति करता हूँ. अमिन.