आज के वचन पर आत्मचिंतन...

मसीह होते हुए,, जो पुराना नियम में था उनसे हम इस वचन को थुदा अलग सुनते है.हम पहचानते है की,हमरे निर्दोषिता क्रूस पर यीशु मसीह का त्याग पूर्वक मृत्य के वजेसे ये यीशु के द्वारा एक तोफा है.हम जानते है की सिर्फ धर्म्शात्र को पालन करने के द्वारा हम धर्मी नहीं होते है, लेकिन परमेश्वर के तेजस्वी अनुग्रह के वजसे हम प्रभु के मार्ग पे चलने के लिए बहुत कोसिस करते है.परमेश्वर की इच्छा पूरी करने में महान आशीश है।वह आशीषों न केवल भविष में है, परन्तु अभी आरंभ होता है.

मेरी प्रार्थना...

पिता, मुझे इतनी कृपा से आशीष करने के लिए धन्यवाद। मैं अपनी इच्छा के अनुसार जीने के लिए की तलाश में,मैंने अपने जीवन में अपनी उपस्थिति और अनुग्रह के आशीश का अनुभव करता हूँ। कृपया मुझे ज्ञान के साथ आशीश दे ताकि में आपका इच्छा को बेहतर जनु और साहस इसे जीने के लिए।यीशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ. अमिन

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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