आज के वचन पर आत्मचिंतन...

मसीह होते हुए,, जो पुराना नियम में था उनसे हम इस वचन को थुदा अलग सुनते है.हम पहचानते है की,हमरे निर्दोषिता क्रूस पर यीशु मसीह का त्याग पूर्वक मृत्य के वजेसे ये यीशु के द्वारा एक तोफा है.हम जानते है की सिर्फ धर्म्शात्र को पालन करने के द्वारा हम धर्मी नहीं होते है, लेकिन परमेश्वर के तेजस्वी अनुग्रह के वजसे हम प्रभु के मार्ग पे चलने के लिए बहुत कोसिस करते है.परमेश्वर की इच्छा पूरी करने में महान आशीश है।वह आशीषों न केवल भविष में है, परन्तु अभी आरंभ होता है.

Thoughts on Today's Verse...

As Christians, we hear this passage a little differently than those who lived under the Torah, the Law of Moses. We recognize that our blamelessness comes as a gift because of Jesus' sacrificial death on the Cross (Romans 5:6-11; Colossians 1:19-22). We know we are not justified by keeping the Law (Romans 3:28; Galatians 2:16, 3:11, 24, 5:4). Instead, we are doing our absolute best to walk in the way of the Lord out of thanks for God's glorious grace and by the power of the Holy Spirit (Romans 8:1-4). Doing the will of God brings us many blessings. Those blessings are not just for us in the future, but they begin right now as we live in Christ Jesus.

मेरी प्रार्थना...

पिता, मुझे इतनी कृपा से आशीष करने के लिए धन्यवाद। मैं अपनी इच्छा के अनुसार जीने के लिए की तलाश में,मैंने अपने जीवन में अपनी उपस्थिति और अनुग्रह के आशीश का अनुभव करता हूँ। कृपया मुझे ज्ञान के साथ आशीश दे ताकि में आपका इच्छा को बेहतर जनु और साहस इसे जीने के लिए।यीशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ. अमिन

My Prayer...

Father, thank you for blessing me so graciously. As I seek to live according to your will, I experience the blessings of your presence and grace in my life. Please bless me with wisdom to better know your will and the courage to live it. In Jesus' name I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of भजन संहिता ११९:१

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