आज के वचन पर आत्मचिंतन...
परमेश्वर के क्रियाएँ वर्त्तमान परिस्तिथी के प्रति प्रतिक्रियाएं नहीं होती हैं, परन्तु छुटकारे को लाने के प्रति उसके लम्बे समय की योजना का भाग हैं। हाँ, उसने बड़े अध्भुत कार्य किये हैं: उसने भीड़ के दुष्ट चीख को जो " उसे क्रूस पर लटका दो " को लेकर बदल कर इससे भिवषवाक्ताओं को पूर्ण करने के लिए और हमे छुड़ाने के लिए बदल दिया । वह विश्वासयोग्यता में सिद्ध हैं और अध्भुत काम किये हैं ।
मेरी प्रार्थना...
पवित्र परमेश्वर आप मुझे नए अध्भुत कार्यों से और रोज़ नए बातें कर चौका देते हो । फिर भी मेरे दिल के गेहराई मे जनता हूँ की वे आपके लिए नए नहीं हैं । धन्यवाद की आपने जीवन को बोरिंग और आसानी ज्ञात होने योग्य नहीं बनाया हैं ताकि मैं आपके प्रति प्यास रखूं , आप जो अनंतकाल तक ताज़े होते हैं, नया, उत्सुक, और अध्भुत हैं । मेरे उद्धारकर्ता येशु के नाम से । आमीन।