आज के वचन पर आत्मचिंतन...
परमेश्वर की वन्दानो में से , पवित्र आत्मा का वरदान सबसे ज्यादा मूल्यवान है. आत्म का उपस्तिथि हमे परमेश्वर का मंदिर बनता है.(१ कोरिन.६:१९). जब हम प्रर्ताना करते है पवित्र आत्मा हमारे लिए परमेश्वर की इच्छा के अनुसार विज्ञापन करता है. (रोमोयी ८:२६-२७). आत्मा हमारे शारीर का अबिलाश का तन से काबू पाने के लिए सहायता करता है.हमारे अन्दुरुनी मनुष्य को आत्मा बल देता है.(एफेसियों.३:१६).और एक बातो में ,पवित्र आत्मा हमे मसीह का रूप में बदलने के लिए कार्य करता है. पवित्र आत्मा के द्वारा परमेश्वर की उपस्तिति के लिए धन्यवाद करते है.
Thoughts on Today's Verse...
Of all the many gifts God gives, the gift of his presence in us through his Holy Spirit is among the most precious. The Spirit's presence makes us God's temple (1 Corinthians 6:19). The Spirit intercedes for us according to the will of God when we pray (Romans 8:26-27). The Spirit helps us overcome the pull of our flesh (Romans 8:13-14). The Spirit gives us strength in our inner being (Ephesians 3:16). In other words, the Spirit is at work to transform us to the character of Christ. Let's thank God for his holy presence in us through the Holy Spirit.
मेरी प्रार्थना...
पिता, अपने पवित्र आत्मा जो अबी भी मेरे लिए निवेदन कर रहा है उसके के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।कृपया मुझे अपने आत्मा के माध्यम से मजबूत बनाये जैसे में आपके लिए समर्पित किया एक पवित्र जीवन जीने के लिए चाहता हूँ.।प्रिय पिता, यह मेरे दिल के इच्छा है की मेरे चरित्र और करुणा में अपने बेटे की तरह होने के लिए आप मुझे अपनी आत्मा के द्वारा परिणत करने के लिए रूपान्तरित कीजिये.।यीशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ. अमिन
My Prayer...
Father, thank you so much for your Holy Spirit who even now is interceding for me as I pray. Please strengthen me through your Spirit as I seek to live a holy life dedicated to you. Dear Father, it is my heart's desire for you to transform me by your Spirit to be more like your Son in character and compassion. In Jesus' name I pray. Amen.