आज के वचन पर आत्मचिंतन...

हमने शांति पाई है की हम दूसरों को शांति दे सके । परमेश्वर ने हमने अपनी उपस्तिथि और अपने आत्मा की शांति से इसलिए नही आशीषित किया क्योकि हम दूसरों से किसी तरह बेहतर हैं। नहीं वह हमने शांति देता हैं की हम दूसरों को त्यार करे, समर्थ करे और उत्साहित करे । परमेश्वर के पास मानवीय हाँथ हैं पर केवल जब मैं अपने हाथों का उपयोग करता हूँ उसकी महिमा के लिए और दूसरों को शांति दे के लिए ।

Thoughts on Today's Verse...

We are comforted to comfort others. God doesn't bless us with his presence and comfort of his Spirit because we are somehow better than everyone else. No, he comforts us to equip, empower, and encourage others. God has human hands, but only when I use mine to his glory and for others comfort.

मेरी प्रार्थना...

प्यारे चरवाहें, कई ऐसे समय थे जब मैं काफी टुटा हुआ था और आगे नहीं बढ़ पा रहा था । मैं जनता हूँ की आगे बढ़ने की सामर्थ मुझे आपके उदार अनुग्रह और दया से मिली हैं । कृपया मुझे इस्तेमाल करें इस सफ्तेह की मैं आपकी शांति और प्रेम दूसरों को पेश कर सकूँ की वे आपके गर्म आग़ोश को महसूस कर सके और उस दिन के प्रति ललाहित हो जब आपको स्वर्ग में आमने सामने देखेंगे । मेरे भाई येशु के द्वारा। अमिन।

My Prayer...

Tender Shepherd, there have been times when I was so broken I could not go on. I know my strength to continue came from your rich grace and mercy. Please use me this week to offer your comfort and love to others so they may feel your warm embrace and come to yearn more for the day we see you face to face in heaven. Through my brother Jesus, I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of २ कुरिन्थियों १:३-४

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