आज के वचन पर आत्मचिंतन...
जब पवित्र आत्मा हमारे अन्दर जीता है, हमे मार्गदर्शक करने के लिए जरूरत नहीं है.पवित्र आत्मा जो परमेश्वर चाहता है उस चरित्र को उत्पन्न करता है जो कोई भी धर्म से भी आगे है.(गलतियों.५:२२-२३).धर्म शास्त्र हमे परमेश्वर का इच्छा को सिखाता है,और जो पाप है उसे दिखता है,धर्म शास्त्र हमारे दुराचरण को नहीं ठीक कर सकता है, न परमेश्वर कअ इच्चाके अनुसार जीने के लिए समर्थ दे सकता है.पवित्र आत्मा, दूसरी ओर, शुद्ध कर सकते हैं बदलने, सशक्त, और हमें प्रेरित करता है जिस प्रकार परमेश्वर चाहता है जैसे कोई धर्म शतर नहीं कर सकता है. हमारे अन्दर परमेश्वर की आत्मा के द्वारा आश्चर्यजनक और आश्चर्यजनक उपस्थिति के लिए हम धन्यवाद करे.
मेरी प्रार्थना...
मुझ में एक शुद्ध दिल बनाएँ, हे परमेश्वर, और मुझे अपनी आत्मा मेरे भीतर रहने से नवीनीकृत कीजिये।यीशु के नाम से प्रार्थना मांगता हूँ. अमिन