आज के वचन पर आत्मचिंतन...
एडी हम मसीह का है,हम जानते है की परमेश्वर का आत्मा हम में जीता है (रोमियों.८:९; १ कोरिन्तियो. ६:१९-२०).आत्मा का उपस्तिति के वजेसे , हम जानते है की हम अनन्त है! आत्मा परमेश्वर के द्वारा हमारे लिए एक रकम है जो उनके सात हमारे भविष्य का निश्चय देता है.(२ कोरिन्तियों १:२१-२२;२ कोरिन्थियों ५:५. अभी भी जब जैसे हम मसीह के लिए जी रहा है, आत्मा हमारे बौतिक शारीर में जीवन देता है जैसे हम उसको परमेश्वर की महिमा के लिए इस्तेमाल करते हे. (रोमियों .१२:१)
मेरी प्रार्थना...
पिता, अपनी आत्मा के साथ मेरे शरीर चेतन दो यह है कि मुझे क्या करना है न केवल आप महिमा लाना है लेकिन यह भी अपने चरित्र और अनुग्रह को दर्शाता है।आपके लिए,ओ पिता,सरे महिमा आपके उपस्थिति और समर्थ जो मेरे अन्दर में काम में है,.यीशु के नाम में मैं प्रार्थना करता हूँ। अमिन।