आज के वचन पर आत्मचिंतन...
यीशु ने हमे दुसरे मानव विरोद से डरने न कहा है (लुका .१२:४-५). जाब हम दूसरों को संतुस्ट करना चाहते है, या क्या लोग कहेंगे या करेंगे, ताब हम अपने आप एक महा संकट में पद जाते है.हमारे जीवन और हमरा नहीं होता है. हम दुसरे लोग क्या सोच रहा है या चाहता है और डरता है उसमे हम बंदन होजते है. हमे सिर्फ परमेश्वर पे विश्वास करना है और उनसे डरना है. परमेश्वर में हमारा अभी और हमसा के लिए सुरक्षा है.
मेरी प्रार्थना...
कृपया मुझे सुरक्षित रखे हे यहोवा, जो लोग मुझे विरोध करता है और मुझे हनी कर सकता हैं। आपको सम्मानित करने के लिए मेरे जीवन को एक पवित्र प्रशंसा करें।यीशु के नाम में मैं प्रार्थना करता हूँ। अमिन।