आज के वचन पर आत्मचिंतन...
वह मेरे जी में जी ले आता हैं। वाह! यह सुनने कितना अच्छा लगता हैं। लेकिन यह बातों से बढ़कर हैं । जब हम उस मुकाम पर पहुंच जाते हैं की अब इससे आगे नहीं जा सकते हैं, परमेश्वर हमे सामर्थ से भरता हैं की हम चलते रहे। जब हम संघर्ष में होते हैं और चीजे कठिन होती हैं, उसका बल हमे उठाता हैं और हम विजय की और दौड़ते हैं। जब हम उसके नाम से विजयी हो रहे होते हैं, हम उकाब के पंखों की तरह उड़ सकते हैं। वह एक चरवाह हैं और उससे भी अधिक हैं । वह चट्टान हैं और हमारे जीवन का चलानेवाला हैं!
मेरी प्रार्थना...
ओ भले चरवाह, आज रात आपके अनुग्रह में आराम पाने के लिए और यह भी की आप करीब हो इस बात में आत्मविश्वास रखूं मेरी सहायता कर। येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ। अमिन।