आज के वचन पर आत्मचिंतन...
बहुतसे भीं धार्मिक समूह के लोग तुम्हे हर प्रकार के तौर-तरीकों को बताएंगे यह जानने के लिए की तुम में पवित्र आत्मा हैं भी की नहीं । यीशु के पास एक साधारण उत्तर हैं " उनके फलों के द्वारा तुम उन्हें जानोगें।" पौलुस हमें पवित्र फलों की परिभाषा देता हैं, —प्रेम, आनंद, शांति, धीरज, कृपा, भलाई,विश्वास, नम्रता, सैयाम। तो क्यों ना इसे जोर से दोहराए और परमेश्वर से मांगे की यह सब फल आपके होजायें समपूर्ण मात्रा में !
मेरी प्रार्थना...
अब्बा पिता, आत्मा के द्वारा मैं आपको पुकारता हूं। कृपया मुझमें जो चरित्र है उसे पूरा करें। मैं आपके पुत्र , यीशु के गुणों का प्रदर्शन करना चाहता हूं, जिनके नाम पर मैं प्रार्थना करता हूं। अमिन ।