आज के वचन पर आत्मचिंतन...
हम में से ज्यादातर हमारे जीवन में बहुत कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा।जब हम करते हैं, हम संभावना महसूस होगा कि हमारी प्रार्थना ऊपर से गिर जरह है।हमारे शब्दों खाली और बेकार लग जाएगा।हमारे दिल में जो है उसे अभिव्यक्त नहीं कर सखेंगे।हमें लगता है की हमारे शब्दों अप्रभावी और अपर्याप्त हैं।तो हम क्या करे?हम इस वादे पर भरोसा रखते है।हम प्रार्थना के द्वारा परमेश्वर के पास जाते है!यहां तक कि जब हमें कहने के लिए शब्द नहीं होता है, हम हमारे दिल की पेशकश करते हैं, विश्वास है कि पवित्र आत्मा उन विचारों, भावनाओं, और अव्यक्त परमेश्वर को कुंठाओं ले जाता है।आत्मा हमरे दिलोंको परमेश्वर को जानने डेट है,परमेश्वर की इच्छा के अनुसार हमारे लिए मद्यास्था करता है.जब हमारे पास शब्दों नहीं होते है, आत्मा हमारे जरूरतों को प्रस्ताव करता है. क्या एक जबरदस्त आश्वस्त अनुग्रह!
Thoughts on Today's Verse...
Most of us will face very difficult circumstances in our lives. When we do, we will likely feel that our prayers just bounce off the ceiling. Our words will seem empty and useless. We can't seem to verbalize what is on our hearts. We feel like our words are ineffective and insufficient. So what do we do? We trust this promise. We go to God in prayer! Even when we don't have words to say, we offer our hearts to him, trusting that the Holy Spirit takes those thoughts, emotions, and inarticulate frustrations to God. The Spirit makes our hearts known to God, interceding for us according to God's will. Even when we don't have words, the Spirit makes our needs known. What a tremendous reassuring grace!
मेरी प्रार्थना...
अब्बा पिता, यह जानने में आरामदायक है कि मेरे शब्दों, विचारों, भावनाओं और सभी अपने पवित्र आत्मा के माध्यम से आप के लिए प्रस्तुत किया जाता हैं।पिता, बहुत समयों मै आप को सामना करने के लिए अपर्याप्त और दृष्टिकोण सोचता हूँ।मुझे आश्वासन देनेके लिए धन्यवाद कि आप हमेशा मुझे सुनेंगे जब मेरे पास कहने के लिए कुछ शब्दों भी नहीं मिल सकता है।यीशु के नाम से में प्रार्थना मांगता हूँ. अमिन.
My Prayer...
Abba Father, it is so comforting to know that my words, thoughts, and emotions are all presented to you through your Holy Spirit. Father, there are times when I feel inadequate and unworthy to approach you. Thank you for giving me the assurance that you will always hear me even when I can't find the words to say. In Jesus' name I pray. Amen.