आज के वचन पर आत्मचिंतन...

धार्मिकता ! यही वह हैं जो हम हैं । हम धार्मिक नहीं। नहीं, यह उससे भी बड़ा हैं। हम परमेश्वर की धार्मिकता हैं। हम उसकी गवाह हैं की वह सच में कैसा पवित्र, न्यायी, और अनुग्रहकारी हैं, क्योकि यीशु में हम उसकी धार्मिकता हैं!

Thoughts on Today's Verse...

Righteousness! That's what we are. We are not righteous. No, it is much bigger than that. We are God's righteousness. We are the testimony of how holy, just and gracious he truly is because, in Jesus, we are his righteousness!

मेरी प्रार्थना...

धन्यवाद सर्वसामर्थी परमेश्वर, मुझे धार्मिक बनाने के लिए अपने पुत्र के मृत्यु के लहू से । होने दे की लोगों को मुझे में आपके पवित्रता, न्याय और दया का प्रतिबिम्भ दिखाई पड़े जब मैं उनके साथ आपके अनुग्रह को बाँटता हूँ । मेरे पापों के लिए आपके बलिदान, यीशु के द्वारा मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन।

My Prayer...

Thank You, Almighty God, for making me righteous in the blood of your son's death. May people see in me, a reflection of your holiness, justice, and mercy as I try to share with them your grace. Through Jesus, your sacrifice for my sins I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of 2 कुरिन्थियों ५:२१

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