आज के वचन पर आत्मचिंतन...
क्षमा! क्या ही मधुर और अनमोल भेट । जो हम सुधरने में, बनाने में और जिसका दाम चुकाने में असक्षम थे वह परमेश्वर ने येशु के द्वारा हमारे लिए किया। उसके साथ, हर एक भोर हमारे लिए एक नई शुरवात और बसंतऋतु का पुनर्जन्म हैं । परन्तु, क्या ही भयंकर दाम उसने यह हमे देने के लिए चुकाया!
Thoughts on Today's Verse...
Forgiveness! What a sweet and precious gift. What we were powerless to fix, make up or pay for, God did for us in Jesus. With him, each day is a fresh start and rebirth of Springtime. But my, such a terrible cost he paid to give it to us!
मेरी प्रार्थना...
धन्यवाद् पिता, आपके दर्द के लिए और आपके पुत्र के लहू के लिए जो मेरे पापों का दाम हैं । मेरे पापों के दाम को हलके में लेने से मैं इंकार करता हूँ और आपके अनुग्रह के प्रति आभार में सारी जिंदगी आपकी महिमा के लिए जीऊंगा। उसके नाम से जिसने मेरे उद्धार के लिए सब कुछ बलिदान कर दिया प्रार्थना करता हूँ । आमीन।
My Prayer...
Thank you, Father, for your anguish and cost to forgive my sins by the blood of your Son. I refuse to take lightly the cost of my sin and will live for your glory in appreciation of your grace. In the name of him who sacrificed all for my salvation I pray. Amen.