आज के वचन पर आत्मचिंतन...
"किस बात के लिए मैं जी रहा हूँ ?" जबकि यह एक महत्वपूर्ण सवाल हैं, जो सर्वाधिक महत्वपूर्ण सवाल हैं वह यह हैं की " हम किसके लिए जी रहें हैं ?" केवल एक ही व्यक्ति आश्वासन दे सकता हैं की मैं कभी नहीं मरूंगा, क्योकि वह मेरे लिए मारा चुका और मौत पर विजयी भी हुआ हैं ! यदि वह मेरे लिए मरने के लिए त्यार था तो मैं निश्चय ही उसके लिए जीऊंगा!
मेरी प्रार्थना...
विजयी प्रभु, मुझे मेरे प्रभु, यीशु के द्वारा मृत्यु पर जय दिलाने के लिए धन्यवाद्। उसके त्यागपूर्ण मृत्यु के द्वारा मुझे मेरे पापों पर विजय देने के लिए धन्यवाद् । यह जीवन जब मैं उसके लिए जी रहा हूँ मेरे जीवन में मुझे आज जीत दिलाने के लिए धन्यवाद् । यीशु के अनमोल नाम से मैं प्रार्थना करता हूँ । आमीन।