आज के वचन पर आत्मचिंतन...

क्या है जो हमे बचाता है ? क्या परमेश्वर ने येशु मे हमारे लिए किया है! आइए समर्पण करे की हम किसी भी बात को हमारे उस भरोसे और आशा पर हमारी निर्भरता को रोकने नहीं देंगे, उस सुसमाचार जिसके द्वारा हम बचाये गए है । और कोई नाम, और कोई सुसमाचार ,और नाही और कोई दूसरा सन्देश है जिससे हमे उद्धार मिल सकता है । ( देखे प्रेरितो के काम ४:१२; गलातियों १;३-९; कुलुसियो २;६-१६ ) इसमें हमे और कुछ जोड़ने की आवश्यकता नहीं। और नाही किसीको इसमेसे कुछ निकालने दे। आइये इस विश्वास, इस भरोसे और उस परमेश्वरीय अनुग्रह जो येशु मे मिला है मजबूती से थामे रहे !

मेरी प्रार्थना...

पिता, मैं तुझे छोड़ और किसी ईश्वर पर भरोसा नहीं करता हूँ । मैं येशु मे आपके प्रेम और अनुग्रह की कहानी को छोड़ और किसी सुसमाचार पर भरोसा नहीं करता । जैसे वह पुराना भजन सूंदर रीती कहता है " मैं यह मांगता हूँ प्रिय पिता की मैं कभी भी आपके प्रति मेरे प्रेम से बहरा न जीऊ"। येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। phil@verseoftheday.com पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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