आज के वचन पर आत्मचिंतन...
वाह, क्या ही सामर्थी और बुद्धिमत्ता से भरा विचार। हमारा विश्वास मसीह येशु के पुनुरुत्थान में और हमारा विश्वास उसमे जुड़े रहने में, जो बोहत ही महत्वपुर्ण है की बाकि सब उसकी तुलना में हल्का पड़ता है। मसीह में हमारी आशा केवल यही और अभी के लिए नहीं है,बल्कि यह एक ऐसी आशा जो जीवन तक पहुँचती है और मृत्यु के बडियो को तोड़ती है। अगर यह उसकी आशा हमे नहीं देती तो वह आशा ही नहीं है : और यह सच में सुसमाचार नहीं है। हमे मोहित किया गया है और की हम पछताए। लेकिन फिर, मैं यह विश्वास करता हूँ! की मेरा दोस्त सब कुछ बदलता है!
मेरी प्रार्थना...
पिता परमेश्वर , अल्फ़ा और ओमेगा ,आदि और अंत ,मैं विश्वास करता हूँ की येशु के पुनुरुत्थान में मृत्यु पर आपकी विजय का मतलब मृत्यु पर मेरी विजय है! मुझे भरोसा है की येशु मुझे मरे हुओ में से जिलाएगा की मैं आपके साथ अनंत जीवन बाट सकू।मैं आपको बता भी नहीं सकता की मैं आपको रूबरू देखने के लिए और आपकी महिमा में सहभागी हो सकू और अनंतकाल तक आपके नाम की स्तुति कर सकू इस लिए कितना उत्सुक हूँ। येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ और धन्यवाद् । अमिन।