आज के वचन पर आत्मचिंतन...
" मुझे बस खुद को खोजना हैं।" यह कभी नहीं होंगा। हम कभी "खुदको खोज" नहीं सकते या "अपनी जीवन को" उसके पीछे भागने के द्वारा। हम उसे पाते हैं "किसी बात में" या " किसी व्यक्ति में " खो कर जो खुद से महान हो । हम अपने जीवन को यीशु में और उसके राज्य के कार्यों में खोकर पा सकता हैं।
मेरी प्रार्थना...
स्वामी और रचिता सब कुछ जो जीवित हैं और सांस लेती हैं, मेरे जीवन और हर सांस को लेलीजिएं और उसे अपनी महिमा के लिए इस्तेमाल कीजिए। हो सके की आज मेरे शब्द और कार्य आपको भा सके। यीशु के द्वारा मैं यह प्रार्थना और स्तुति भेट करता हूँ । आमीन।