आज के वचन पर आत्मचिंतन...
संपत्ति, विशेषकर जो संपत्ति लालच से और दुष्टता से पाया हो उसका कोई स्थाई मूल साबित नहीं होता है। यह सड़ा धन उसके हृदय को भी सड़ा देता है जिसने इसे पाया हो और हमे हमारे अंतिम समाये से नहीं बचा सकता है । धार्मिकता, बल्कि यह बहुत ही अनमोल खजाना है। यह धार्मिकता अनंत परमेश्वर से है, अनुग्रह से विश्वास के द्वारा यह हमे भेट में मिला है, नैतिकता की हमारी सिमा से बढ़कर है और इतना सामर्थी है की हमारी आत्मा को मृत्यु से खरीद ले ।
Thoughts on Today's Verse...
Wealth, especially wealth gotten through greedy and wicked means, proves to be of no lasting value. This rancid wealth rots the heart of the one who gets it and it cannot save us from our ultimate demise. Righteousness, however, is a far more precious treasure. This righteousness of the Eternal God, this gift given to us by grace through faith, is greater than the limits of our mortality and powerful enough to buy our soul from death.
मेरी प्रार्थना...
पवित्र और धर्मी परमेश्वर कृपया मुझे अपनी नज़र में धर्मी बना। मै चाहता हूँ की मेरी सर्वोच्या विरासत मेरी धार्मिकता हो नाकि मेरा ओहदा, उपलब्धिया और सम्पत्ति हो । मैं जानता हूँ की मेरी कामयाबियां मेरे पृथ्वी पर के जीवन खत्तम हो जाने बाद भुला दी जाएगी, लेकिन मैं पूर्णतः निश्चिंत हूँ की जो धार्मिकता आप मुझमे कार्यरूप में करते है वह मेरे जाने के बाद एक आशीष और उद्धरण होगा कई पीढ़ियों के लिए और जब मैं आपके साथ महिमा में होउँगा यह मेरा साथ का खज़ाना होगा । येशु के नाम से मैं प्रार्थना करता हूँ । अमिन।
My Prayer...
Holy and Righteous Father, thank you for making me righteous in your sight through Jesus' sacrifice and your grace. I want my greatest legacy to be my righteous character, not my status, achievement, or wealth. I know my accomplishments will be forgotten after my earthly life is over, but I am fully convinced that the righteousness that you work in me will be a blessing and an influence for generations after I am gone and will be my accompanying treasure when I share with you in your glory. In Jesus' name I pray. Amen.