आज के वचन पर आत्मचिंतन...

"तुम जीवते को मरे हुओ में क्यों ढूंढते हो ?" येशु के कब्र पर उन स्त्रियों से बोले गये स्वर्गदूत के यह शब्द आज हमारे लिए परमेश्वर के भी शब्द है। येशु जी उठा है! इतना ही नहीं वह मरे हुओ में से प्रथम फल है । वह इस बात का प्रमाण है की परमेश्वर की फसल होगी ; वह हमारा आश्वासन है की, हम भी, जी उठेंगे। मौत का हम पर अब कोई पकड़ नहीं है ! हम परमेश्वर के सनातन बच्चे है और मृत्यु हमे उसके उपस्त्थि से और उसके प्रेम से अलग नहीं कर सकती !

मेरी प्रार्थना...

पिता परमेश्वर, मैं आपके छुटकारेवाले अनुग्रह के लिए आपकी स्तुति करता हूँ। शैतान पर, घायल करने वाली सामर्थ, मौत से नाश करने पर आपकी विजय का मैं आनंद मनाता हूँ । कब्र पर आपकी सामर्थ के लिए मैं आपका धन्यवादी हूँ। येशु को मरे हुओ में से जिलाने के लिए और आपके साथ अनंत जीवन का आश्वासन देने के लिए धन्यवाद् देता हूँ। कृपया ऐसी आशीष मुझे दो, प्रिय पिता,की जो समर्थ से आप मुझमे काम कर रहे हो वह मुझसे प्रगट हो । येशु के नामसे प्रार्थना करता हूँ । अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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