आज के वचन पर आत्मचिंतन...

बंद करने का एक समय! इसी समय सब का मोल होता है ,दरवाज़े बाद होते है,और अंतिम गणना की जाती है । येशु अंत के समय का परमेश्वर है। जबकि मौत और पाप पर विजय हासिल की है जब वह पृथ्वी पर था, हम उसके साथ विजय यात्रा में भाग लेने का इंतजार कर रहे है। पर, वह दिन आता है। हर घुटना झुकेगा! हर दुष्टशक्ति का नशा होगा। जो हृदय परमेशवर के सामने नमन है वे अनंतजीवन के लिए उसके प्रेमी और सामर्थी हाथो में रख दिए जायेंगे, हमारा प्रभु राज्य करता है!

मेरी प्रार्थना...

सर्वसमर्थी परमेश्वर, अनुग्रह और दया के पिता, मेरे प्रति आपके धीरज और कोमलता को मै सराहता हूँ । यद्यपि, पिता, मुझे आपकी सामर्थ और बल जानने से दिलासा मिलता है। यह जान कर मुझे प्रशंसा है की येशु अपना राज्य स्थापित कर जो कुछ झूठा, गलत, दुष्ट और शैतानी है नाश करेगा । वह दिन जल्द आये, ऐसा हो! येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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