आज के वचन पर आत्मचिंतन...
उसने कर्ज चुकाया और मुझ पर एक हैं। परमेश्वर का धन्यवाद हैं की मैं पाप के प्रीति किसी कर्ज में नहीं, लेकिन मैं औरों के प्रति उसी प्रेम, आदर और अनुग्रह का कर्जदार हूँ जिससे पएरमेश्वर ने मुझसे व्यवहार किया हैं!
मेरी प्रार्थना...
पवित्र परमेश्वर जो सब कुछ के स्वामी हो, मैं आपका धन्यवाद करता हूँ की ना केवल आप मुझ पर अधिकार रखते हैं, लेकिन मुझे दासत्व, पाप, और मृत्यु में से करिदे भी हैं। कृपया मेरे हृदय मे प्रेम की ज्योत जलाइये पवित्र आत्मा के द्वारा की मैं आपकी तरह दुसरो से प्रेम करू। यीशु के नाम से। आमीन।