आज के वचन पर आत्मचिंतन...

जीवन हमारा है ! अब हम मौत के बंधी नहीं! विजय हमे दिया गया है ! येशु प्रभु है । और क्या कहना बाकि है ! "परमेश्वर की स्तुति हो!"

मेरी प्रार्थना...

धन्यवाद्, पिता, येशु को भेजने के लिए । धन्यवाद्, सर्वसामर्थी परमेश्वर, उसे मरे हुओमें से जिलाने के लिए । धन्यवाद् आश्वासन के लिए की मेरे जिंदगी में अभ भी जीवन बाकि है , मई आपको सेवा करता हूँ, येशु के नाम से स्तुतिकर्ता हूँ । अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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