आज के वचन पर आत्मचिंतन...

हम परमेश्वर के सात क्या अनन्त काल तक बटेणगे? उसकी महिमा! क्या था जिसने मरुभूमि मे इस्राइलियों की अगुवाई की और मूसा के चेहरे पर दिखाई दिया था? उसकी महिमा। हम इंसानो के लिए क्या है निराला और अद्धभुत की हम उसे थामे रहे ? उसकी महिमा। तो हमे क्या करना चाहिए जब हम ईश्वर के आदर की खोज मे हो? वह जिस महिमा के योग्य है उसे दे। महिमाय गीतों से उसकी स्तुति करे । यहोवा के पवित्र नाम को आदर पहुचाये!

Thoughts on Today's Verse...

What will we share in eternally with God? His glory! What led Israel through the wilderness and shown upon the face of Moses? His glory. What is too wonderful and marvelous for us as humans to behold? His glory. So what should we do when we are seeking to honor God? Give him the glory that is due him. Praise him in glorious songs. Bring honor to Yahweh's holy name!

मेरी प्रार्थना...

अद्धभुत और महिमामय परमेश्वर, आप पवित्रता मे प्रतापी है, मेरी असिद्धता मे धीरजवन्त है, मेरे तुटेपन के साथ उदार हो और आपके परिवार मे मेरे भागेदारी के प्रति बड़े मजबूत हो। कृपया मुझे आशीष दे की मैं आपके अनुग्रह के सिंहासन के प्रति योग्य स्तुति दे सकु। येशु के नाम से प्रार्थना मंगता हु। अमिन।

My Prayer...

Wonderful and glorious God, you are majestic in holiness, patient with my imperfections, tender with my brokenness, and emphatic about my participation in your family. Please bless me to worthily bring praise to your throne of grace. In Jesus' name. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of फिलिप्पियों ४:२०

टिप्पणियाँ