आज के वचन पर आत्मचिंतन...

परमेश्वर सभी लोगों को पश्चाताप करने के लिए लाना चाहता है ताकि वे अनुग्रह प्राप्त करे और महिमा में उसके साथ रह सके। अगर वह परमेश्वर का जुनून है,तो वो हमारा जुनून क्यो नहीं हो सकता हैं?

मेरी प्रार्थना...

पिता,में जनता हुँ कि यीशु के आने का दिन आपके हाथो मे है,और जिस कारण वो इंतिजार कर रहा है वाह आपको ही पता है. हालांकि,प्रिय पिता,मुझे यह भी पता है कि आप सभी लोगों को चाहते हो की वो यीशु को अपने मुक्तिदाता के रूप में जाने।मुक्ति का संदेश इस सप्ताह में मेरे चारों ओर किसी के साथ अपने अनुग्रह के उपहार को बटने के लिये मुझे उपयोग करें।यीषु के नाम से दुआ करता हूँ.अमीन.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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