आज के वचन पर आत्मचिंतन...

यीशु ने अपने जीवन और मृत्यु से आदर्श का उदाहरण दिया था।प्यार में छुटकारा और जीवन को बदलने की सामर्थ होती है।जब कई लोग प्रतिक्रिया नही करते है,और कई लोग करते है।हम अपने कामों में दयालु हो सकते है पर हमारे दिल में अपने दुश्मनों से प्यार करना आसान नहीं है,परमेश्वर की आत्मा हमें यीशु के प्रेम से भर सकता हैं और जो हमसे नफरत करते है उनकी उपस्थिति में शक्तिशाली अनुग्रह का जीवन जीने में मदद करता हैं।

Thoughts on Today's Verse...

Jesus was the perfect example of this command in his life and death. Love has such redemptive, life-changing power. While not everyone responds, many do. While being kind in our deeds and loving in our hearts to our enemies is not easy, God's Spirit can fill us with Jesus' love and help us live powerful lives of grace even in the presence of those who hate us.

मेरी प्रार्थना...

प्रिय परमेश्वर, मैं कबूल करता हुँ कि मैं अपने जीवन में कुछ लोगों से परेशान हुँ।वे मुझे निंदा करने,कमजोर बनने,छोटा करने,और हराने के लिये कृत-निश्चय करते है। कृपया मुझे चरित्र दिजीये उनके हमलों का विरोध करने के लिये मेरी मदद किजीये और एक तरीका दिजीये कि मै छुटकारे और धर्मी रूप में उनके कार्यों का जवाब दे सकू। छुटकारादेने वाला और महान यीशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ.अमीन.

My Prayer...

Dear God, I confess that I have trouble with a few people in my life. They seem determined to criticize, undermine, belittle, and defeat me. Please give me the character to resist their attacks and help me respond to their actions in a way that is redemptive and righteous. In the redeeming and mighty name of Jesus I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of लूका ६:२७

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