आज के वचन पर आत्मचिंतन...

उपवास आज व्यापक रूप से कई कालीश्या में अभ्यास नहीं किया जाता है,यह स्पष्ट रूप से आदि कालीष्य में अनुभव का एक हिस्सा था। हमारे सभाओं द्वारा ये प्रायोजित हैं कि नहीं,हम सुनिश्चित करें कि हम प्रार्थना के समय के साथ प्रमुख घटनाओं के लिए तैयार राहे परमेश्वर के प्रमुख,सामर्थ,और मार्गदर्शन के लिए पुछे जैसे हम उनके कार्य के लिये इस दुनिया में प्रवेश करते है.

मेरी प्रार्थना...

हे प्रभू,मैं जनता हुँ कि आप सभी लोगों से प्यार करते हो.कृपया जो लोग संस्कृतियों में उनके स्वयं के अलावा अलग कर रहे हैं उसे आशिष दिजीये,प्यार से जो लोग खो रहे हैं उनके साथ अपने सुसमाचार को साझा करने के लिए।सफलता के साथ अपने प्रयासों को आशिष दे,उन्हें बुराई से बचाये,और उन्हें जो दिशा में जाने की जरूरत है उसमे उन्हे आग्वायी किजीये. यीशु के नाम से मंगता प्रार्थना हूँ.अमीन.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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