आज के वचन पर आत्मचिंतन...
पौलुस और सिलास झूठे कैदि बने,और जेल में रखे गये 'कई शिक्षा के साथ' पीटे गये थे,और बांध कर राखे गये थे।इस तरह के भयानक परिस्थितियों में,वे भजन के साथ परमेश्वर की प्रशंसा और स्वर्ग में पिता से प्रार्थना करने में कामयाब रहे। इस प्रकार के दबाव में,उनके विश्वास अन्य कैदियों के उपर ध्यान आकर्षित किया गाय था।हमें याद करने की जरूरत है कि मसिह के गवाह कई वर्षों से,सुसमाचार प्रचार करने का सबसे प्रभावी समय हुआ क्योंकि ईसाई उत्पीड़न और सताव के बावजूद वफादार और आनंदित बने रहे। कुछ भी हमारे प्रार्थना और स्तुति को सीमित नही रखना चाहिए।जो लोग कठिन स्थानों में है उनके दिलों तक पहुंचने के लिए परमेश्वर उनका उपयोग करेगा!
मेरी प्रार्थना...
पवित्र पिता,मेरे विश्वास के वजह से मेरे विरोद प्रतिकूल प्रतिक्रिया के समय में,मैं प्रार्थना करता हूँ कि आप मुझे यीशु के लिए एक प्यार सम्मान,और शक्तिशाली गवाह बनाये।मैं पूछ राहा हुँ इसलिये नही,कि मैं गर्व कर सकु,लेकिन इसलिये कि दूसरे और अधिक तरह से आपकी अनुग्रह को जाने और उद्धार पाने के लिये यीशु के पास आ सके ।यीशु के नाम से प्रार्थना करता हुँ.अमीन.