आज के वचन पर आत्मचिंतन...
हर युग में मसिह लोग,कमजोर लोगो के रक्षक केहलाये जाते है, बेदखल लोगो के लिए बात करते हैं,और जो लोग जोखिम में रहेते है उनकी जीवन की रक्षा करते है।इस व्यापक बुलाहट में हमे स्मरण दिलात है, कि जो आशिष,अधिकार,धन और शक्ति हमारे पास हो सकता है,वो केवल हमारा नहीं है;परंतु परमेश्वर की ओर से एक उपहार है,जो लोग बोल नही सकते है,उन्हे आशिष देने के लिये,जिसकी कोई शक्ति नही है,और उनकी रक्षा करने के लिए उपयोग करना चाहिये है।
Thoughts on Today's Verse...
Christians in every era are called to defend the rights of the weak, speak up for the disenfranchised, and protect the life of those who are vulnerable. This comprehensive call is the great reminder that the blessings, rights, wealth, and power we may have is not ours alone; it is a gift from God to be used to bless those who have no power to speak, to defend, or to protect themselves.
मेरी प्रार्थना...
पिता,आपके लोगों में,और मुझमें जागृती लायीये.जो लोग दुरुपयोग की चपेट में है,और परित्याग किया जाते है,जिनके उपर हमले किये जाते है उनके लिये खडे होने के लिये,मुझमे एक चाहत दिजीये.एक मुक्ती का शक्ती बनने मे और जिस प्रभाव का चक्र में मै रहता हुँ,उस कार्य हमें उपयोग किजीये,विशेष करके मुझे उपयोग किजीये. यीशु के नाम से प्रार्थना करता हुँ. आमीन.
My Prayer...
Father, rouse in your people, rouse in me, a passion to stand up for those who are vulnerable to abuse, to abandonment, and to attack. Please use us, and especially Father, please use me, to be a redemptive force in the time and the circle of influence in which I live. In Jesus' name I pray. Amen.