आज के वचन पर आत्मचिंतन...

परमेश्वर नवीनीकरण और आशीष का परमेश्वर है। उसकी इच्छा हमे नया करने और आशीषित करने की यह केवल एक बार उद्धार से आशीषित करने की इच्छा नहीं है। परमेश्वर की इच्छा हमे रोज़ आशीषित करने की है। उसका अटल प्रेम हर सुबह को नया होता है जैसे वह विश्वासयोग्यता से हम पर अपनी आशीष उंडेलता है (विलापगीत ३:२३)। लेकिन हमे क्या चाहिए, इससे अधिक वह हमे भली वस्तुओ से संतुष्ट करता है। वह हमारे पास हमारी जरुरत की वस्तुए लता है और वह जो सच में हमारे खालीपन को भर सकते है।

Thoughts on Today's Verse...

God is a God of renewal and blessing. His desire to renew and bless us is not just a desire to bless us once with our salvation. God desires to bless us daily. His steadfast love is new every morning as he faithfully pours out his blessings (cf. Lam. 3:23). But more than just giving us what we want, he satisfies us with good things. He brings us what we need and what truly fills our emptiness.

मेरी प्रार्थना...

अब्बा पिता, मैं आपकी शक्ति, प्रताप, महिमा, विश्वासयोग्यता, दया, बुद्धि,और अनुग्रह के लिए आपकी स्तुति करता हूँ । धन्यवाद् मुझे अपने उद्धार से आशीषित करने के लिए, अपने पवित्र आत्मा का दान देने के लिए, आपके कलीसियाई परिवार की आशीष के लिए, आपके साथ घर की प्रतिज्ञा और प्रतिदिन में ताजे उपस्तिथि का आश्वासन के लिए । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । आमीन।

My Prayer...

Abba Father, Almighty God, I praise you for your power, majesty, glory, faithfulness, mercy, wisdom, and grace. Thank you for blessing me with your salvation, the gift of your Holy Spirit, the blessings of your church family, the promise of a home with you, and for the daily assurance of your renewing presence. In Jesus' name. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of भजन संहिता १०३:५

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