आज के वचन पर आत्मचिंतन...

परमेश्वर की इच्छा है की हम उसकी आशीषो की खोज में रहे । यह इसलिए नहीं की हम अपने जींवन से चालबाज़ी करे, परन्तु यह इसलिए की वह हमे अशिक्षित करने के लिए बेताब है, और यह की हम जान सके की सब वरदान उसी से हम मिलते है । तो आओ हम उसकी उपस्तिथि , अनुग्रह और आशीषो की खोज में रहे ।

मेरी प्रार्थना...

प्रिय पिता , मुझे आपकी आषीषे और अगुवाई चाहिए । कृपया मेरे हृदय पर जो बोझ है उनको ऐसे भिन्न क्षेत्रों में आशीषित कर .......( परमेश्वर के साथ कुछ ऐसी बाते बाटे जो आपके हृदय पर है )। और साथ ही , प्रिय पिता , मुझे आपकी बुद्धि चाहिए इन बातो में.... अंततः प्रिय पिता कृपया इस सफ्ताह में आपकी उपस्तिथि मेरे जीवन में स्पष्ट करे । मेरे लिए, आपके प्रेम पर मुझे कोई शंका नहीं है, लेकिन मुझे आपकी करीबी का पुनः संतुष्टि दे जब मै इस बार की चुनोतियो का सामना कर रहा हूँ जो मेरे लिए आने वाली है। येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। phil@verseoftheday.com पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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