आज के वचन पर आत्मचिंतन...

अपने पापो को मानलेने का मतलब है की जिस दृष्टी से परमेश्वर देखता है उसी दृष्टी से देखना — उसके प्रति उसी गृहणा और नफरत से । इस तरह के अंगीकार का मतलब है की अपने हृदय को स्वर्गीय अनुग्रह के धाराओं के प्रति खुलवाना( भजनसाहिता ५१ देखे )। परमेश्वर हमारे साथ वह मधुर आज़ादी को बाटते है जो येशु द्वारा कलवारी पर चुकाए पापो के प्रति दाम से मिली है ; हमारे पाप न केवल माफ़ करदिये गए है बल्कि हम शुद्ध भी किये गए है । हम अब पापी नहीं और उस पाप का दाग़ भी निकल दिया गया है । हम साफ़ , सिद्ध और दाग रहित है परमेश्वर के शुद्ध करने वाले अनुग्रह के कारण (कुलु १:२१-२२ )। अब आओ उस अध्भुत वरदान के प्रीतिबिम्भ के अनुकूल जीवन को जिए!

Thoughts on Today's Verse...

Confessing our sins means that we view our sin the same way that God does — the same revulsion and disdain for them. This kind of confession opens our hearts to the flood of heaven's grace (see Psalm 51). God shares with us the sweet liberation from sin that Jesus purchased at Calvary; our sins are not only forgiven, but we are purified. We are no longer sinners and the stain of that sin is removed as well. We are clean, perfect, and without spot because of God's purifying grace (Col. 1:21-22). Now let's live in a way that is reflective of this incredible gift!

मेरी प्रार्थना...

पिता मै मेरे पापो को तेरे सन्मुख मान लेता हूँ ! कृपया मुझे माफ़ कर दीजिये ....(कृपया शब्दों में परमेश्वर को अपने पापो को विशेष तौर पैर कहे ) मुझे आप से ईमानदार होने देने के लिए और अपने संग मेरी चिड़चिड़ाहट और उनके प्रति मेरे दुखो को बाटने देने के लिए धन्यवाद । कृपया मुझे मेरे जीवन में उनकी शक्तिओ से आज़ाद कराये और मुझे इस बात का हियाव दिलाये की न केवल आपने मुझे उनसे माफ़ किया ,परन्तु आपने मुझे शुद्ध और पवित्र बना दिया । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । आमीन।

My Prayer...

Father, I do confess to you my sins! Please forgive me for... (please verbalize to God specifically your sins) Thank you for letting me be honest with you and share with you my frustration and my sorrow for them. Please liberate me from their power in my life and give me the confidence that you have not only forgiven them, but that you have made me pure and holy. In Jesus' name I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of १ यहून्ना १ : ९

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