आज के वचन पर आत्मचिंतन...

ठीक वैसे ही जैसे यीशु पाप के लिए मरे, वैसे ही हम भी अपने विश्वास के कारण बपतिस्मा लेते वक्त पाप के लिए मर जाते हैं। जैसा कि रोमियों 6:10 में लिखा है: “यीशु जिस मृत्यु से मरे, वह एक ही बार पाप के लिए मरे, परन्तु जो जीवन वह जीता है, वह परमेश्वर के लिए जीता है।” सिर्फ बपतिस्मा के दौरान पाप को त्याग देना ही काफी नहीं है। हमें हर रोज यीशु के जी उठने के नए जीवन को अपनाना होगा। हर दिन हमें परमेश्वर के लिए जीने का संकल्प करना चाहिए और खुले दिल से परमेश्वर की इच्छा को स्वीकार करना चाहिए। आइए अपने अतीत को दफना दें और परमेश्वर के लिए जुनून के साथ जिएं। आइए यीशु और उनके द्वारा हमारे लिए बनाए गए भविष्य पर ध्यान केंद्रित करें।

Thoughts on Today's Verse...

Just as Jesus died to sin, we also died to sin through our faith as we were baptized. Paul said it this way in the verse before our verse of the day: The death [Jesus] died, he died to sin once for all; but the life he lives, he lives to God (Romans 6:10). Simply putting aside sin at our baptism isn't going to keep sin away from us. We must embrace Jesus' new resurrected life every day. We should begin each day committed to living for God with our hearts open to the Lord's exciting will for us. Let's keep what is dead and buried from our past in the past. Let's live passionately for God, focused on Jesus and his future for us.

मेरी प्रार्थना...

सर्वशक्तिमान प्रभु और प्यारे पिता, मैं चाहता हूँ कि मेरा बीता हुआ पापी जीवन अतीत में ही दफन और मृत रहें। कृपा करके मुझे आपकी आत्मा से भरे एक खुशहाल जीवन के लिए सशक्त बनाएं, जो इस नए जीवन में आपके मार्गदर्शन के लिए हमेशा खुला रहे। जैसा कि मैं आपकी इच्छा के अनुसार जीने के लिए खुद को समर्पित करता हूं, कृपा करके अपनी उपस्थिति और इच्छा को मेरे लिए स्पष्ट करें। यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन।

My Prayer...

Sovereign Lord and Loving Father, I want my past life of sin to remain buried and dead in the past. Please empower me to have a vibrant life full of your Spirit and always open to your leading in this new life. Please make your presence and will plain to me as I commit myself to living your will. In Jesus' name, I ask this. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of रोमियो 6:11

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