आज के वचन पर आत्मचिंतन...

हमारे पिता की स्तुति और धन्यवाद करो । वह न केवल हमारे पापो को क्षमा करता है ; वह पूर्ण रीती से हमसे हटा देता है !

मेरी प्रार्थना...

प्यारे और दयालु पिता और पवित्र परमेश्वर, धन्यवाद की अपने मुझे महान वरदान क्षमा का दिया है । अब प्रिय प्रभु मुझे सहायता करे की मै वह और तक पोहचा सकू । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । आमीन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

टिप्पणियाँ