आज के वचन पर आत्मचिंतन...

क्या इस बात से ज्यादा भयावह कुछ हो सकता है कि परमेश्वर हमारे पापों को माफ नहीं करेंगे? हम जानते हैं कि यीशु ने हमारे पापों की माफी के लिए कितनी बड़ी कुर्बानी दी थी! हम जानते हैं कि परमेश्वर हमसे कितना प्यार करते हैं| हम जानते हैं कि हमारे स्वर्गीय पिता हमारे साथ रिश्ता चाहते हैं| तो फिर हममें से कोई भी दूसरों को माफी देने से क्यों इंकार करेगा, जबकि परमेश्वर ने हमें इतनी उदारता से माफ कर दिया है? जब हम माफ नहीं करते, तो हम दिखाते हैं कि हमने परमेश्वर की क्षमा को स्वीकार नहीं किया या यह नहीं समझा कि हमारी क्षमा तब तक पूरी नहीं होती जब तक हम इसे दूसरों के साथ साझा नहीं करते! परमेश्वर दयालु और क्षमाशील हैं, लेकिन वह उन लोगों को स्वीकार नहीं करेंगे जो दूसरों को माफ करने में कंजूसी करते हैं!

मेरी प्रार्थना...

पवित्र परमेश्वर, ऐसे लोग भी हैं जिन्हें क्षमा करना मेरे लिए कठिन है। कृपया, अभी जब मैं प्रार्थना कर रहा हूं, अपनी आत्मा से मेरे दिल को नरम करें, मेरी आत्मा को किसी भी तरह के कड़वाहट या आक्रोश से मुक्त करें, और कृपया मुझे अतीत के दर्द को दूर करने और क्षमा करने के लिए सशक्त बनाएं। मैं इस अनुग्रह के लिए आपको धन्यवाद देता हूं कि न केवल क्षमा मिलेगा, बल्कि क्षमा भी किया जाएगा। यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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